विश्वास की शक्ति
प्रिय भाईयों और बहनों,
आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे, और वह है "विश्वास"। विश्वास, जिसे हम faith भी कहते हैं, वह शक्ति है जो हमें ईश्वर से जोड़ती है। आज हम देखेंगे कि कैसे विश्वास हमारी जिंदगी में एक positive बदलाव ला सकता है और मुश्किल समय में हमें सहारा दे सकता है।
बाइबल में, इब्रानियों 11:1 कहता है:
"अब विश्वास उस चीज़ की आशा है जिसकी हम अपेक्षा करते हैं, और उस चीज़ का प्रमाण है जिसे हम नहीं देखते।"
इसका मतलब यह है कि विश्वास वह चीज़ है जो हमें वो चीज़ पाने की उम्मीद देती है, जिसे हम देख नहीं सकते। विश्वास हमें आगे बढ़ने का हौसला देता है, भले ही हमारी आँखों के सामने कुछ नजर न आ रहा हो।
अब्राहम का विश्वास
बाइबल में हमें कई कहानियाँ मिलती हैं, जो विश्वास की ताकत दिखाती हैं। उनमें से एक है अब्राहम की कहानी।
अब्राहम को "विश्वास का पिता" कहा जाता है। एक दिन ईश्वर ने अब्राहम से कहा कि वह अपने बेटे इसहाक को बलिदान करे। अब्राहम के लिए यह एक बहुत बड़ा टेस्ट था। लेकिन उसने ईश्वर पर भरोसा किया और तैयार हो गया। आखिरकार, ईश्वर ने उसके विश्वास को देखा और उसे उसके बेटे की बलि देने से रोक दिया।
यह हमें सिखाता है कि जब हम जीवन में किसी कठिनाई का सामना करते हैं, हमें ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए। विश्वास हमें यह यकीन दिलाता है कि ईश्वर हमारे साथ हैं, चाहे हमारी problems कितनी भी बड़ी क्यों न हों।
एक छोटी कहानी: अनाथ बच्चे का विश्वास
अब मैं आपको एक प्रेरणादायक कहानी सुनाता हूँ। यह कहानी है एक छोटे अनाथ बच्चे रवि की।
रवि का कोई परिवार नहीं था और वह एक अनाथालय में रहता था। उसकी जिंदगी बहुत मुश्किल थी, लेकिन रवि के पास एक चीज़ थी जो बाकी बच्चों के पास नहीं थी - ईश्वर में विश्वास।
एक बार अनाथालय में खाने की कमी हो गई और सभी लोग घबरा गए। तब रवि ने कहा,
"चलो, हम प्रार्थना करते हैं। ईश्वर हमारी मदद करेंगे।"
सभी बच्चों ने रवि के साथ प्रार्थना की। अगले ही दिन, एक अंजान व्यक्ति बहुत सारा खाना लेकर अनाथालय में आया और कहा,
"मुझे सपना आया था कि मुझे यहाँ आकर बच्चों की मदद करनी है।"
यह सुनकर सबको यकीन हो गया कि ईश्वर ने उनकी प्रार्थना सुनी। यह कहानी बताती है कि जब हमारा विश्वास मजबूत होता है, तो ईश्वर किसी भी रूप में हमारी मदद करते हैं।
विश्वास की परीक्षा
भाईयों और बहनों,
हमारे विश्वास की असली परीक्षा तब होती है जब हम मुश्किल समय से गुजरते हैं। जब हमारे सामने समस्याएँ होती हैं, तब हमें यह चुनना होता है कि हम ईश्वर पर भरोसा करेंगे या नहीं।
बाइबल में, **मत्ती 17:20** कहता है:
"यदि तुम्हारा विश्वास सरसों के बीज के बराबर भी होगा, तो तुम इस पहाड़ से कहोगे, 'यहाँ से वहाँ चला जा,' और वह चला जाएगा। और तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा।"
यह हमें यह बताता है कि अगर हमारा विश्वास छोटा सा भी है, तो हम बड़े से बड़े काम कर सकते हैं। विश्वास हमें वह ताकत देता है, जिससे हम किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं।
विश्वास और धैर्य
विश्वास के साथ हमें patience यानी धैर्य भी रखना चाहिए। कभी-कभी हमें लगता है कि हमने बहुत प्रार्थना की, लेकिन हमें तुरंत जवाब नहीं मिला। लेकिन हमें समझना चाहिए कि ईश्वर हर चीज़ का जवाब सही समय पर देते हैं। हमें इंतजार करना चाहिए और अपने दिल में विश्वास बनाए रखना चाहिए।
बाइबल में यूसुफ की कहानी हमें सिखाती है कि धैर्य और विश्वास के साथ हमें बड़ी चीजें मिलती हैं। यूसुफ को उसके भाइयों ने बेच दिया था, लेकिन उसने अपना विश्वास नहीं खोया। और आखिरकार, ईश्वर ने उसे मिस्र का प्रधान बना दिया। यह दिखाता है कि ईश्वर हमेशा हमारे लिए बेहतर योजना बनाते हैं, हमें बस धैर्य रखना चाहिए।
ईश्वर पर भरोसा
हमारे जीवन में कई बार ऐसे समय आते हैं, जब हमें समझ नहीं आता कि हमें क्या करना चाहिए। हमें रास्ता नहीं दिखता। ऐसे समय में हमें ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए। बाइबल में, प्रेरितों के काम 16:31 में कहा गया है:
"प्रभु यीशु पर विश्वास करो, और तुम उद्धार पाओगे।"
एक छोटी कहानी है कि एक आदमी समुद्र के किनारे चल रहा था। उसने देखा कि उसके और ईश्वर के पैरों के निशान रेत पर बने थे। लेकिन जब उसका जीवन कठिन हुआ, तो उसने देखा कि उस समय सिर्फ एक ही जोड़ी पैरों के निशान थे। उसने ईश्वर से पूछा,
"प्रभु, आपने मुझे मेरे कठिन समय में अकेला क्यों छोड़ दिया?"
तब ईश्वर ने कहा,
"मैंने तुम्हें अकेला नहीं छोड़ा। वे निशान तुम्हारे नहीं, मेरे हैं। उस समय मैं तुम्हें अपनी गोद में उठाकर चल रहा था।"
यह कहानी हमें यह बताती है कि जब हम सबसे मुश्किल समय से गुजर रहे होते हैं, तब ईश्वर हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते।
विश्वास की जीत
भाईयों और बहनों,
विश्वास वह ताकत है जो हमें कठिन समय में भी मजबूत बनाए रखती है। चाहे हमारी स्थिति कैसी भी हो, हमें ईश्वर में विश्वास बनाए रखना चाहिए।
बाइबल में रोमियों 10:17 में लिखा है:
"विश्वास सुनने से आता है, और सुनना मसीह के वचन से।"
इसका मतलब है कि हमें हमेशा ईश्वर के वचन सुनते रहना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में लागू करना चाहिए। ईश्वर पर हमारा विश्वास ही हमें जीवन में सही दिशा दिखाएगा और हमें सफलता की ओर ले जाएगा।
अब, मैं आप सभी को एक प्रार्थना सिखाना चाहता हूँ, जो हमें अपने विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगी:
प्रार्थना: विश्वास की वृद्धि के लिए
हे परमेश्वर,
हम आपके सामने अपने दिल खोलकर प्रार्थना करते हैं। हमें जीवन में आपकी इच्छा के अनुसार चलने का मार्गदर्शन दें।
हम प्रार्थना करते हैं कि आप हमारे विश्वास को और मजबूत करें। जब भी हम मुश्किल समय का सामना करें, हमें याद दिलाएँ कि आप हमारे साथ हैं। हमें धैर्य दें कि हम आपकी योजना पर भरोसा करें और जल्दबाजी में गलत फैसले न लें।
हमारे दिलों में संदेह को दूर करें और हमें विश्वास से भर दें कि आप हमारे जीवन के हर हिस्से को देख रहे हैं। हमें अपनी गोद में उठाकर हमें सही रास्ते पर ले चलें।
आपकी कृपा से हमें शक्ति दें, ताकि हम जीवन की सभी परीक्षाओं में सफल हो सकें। हमें सिखाएँ कि हम अपने हर काम में आपका भरोसा रखें और आपके वचनों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ।
हमारे जीवन में हमेशा आपकी आशीर्वाद बनी रहे और हमारा विश्वास आपके प्रति और बढ़ता जाए।
**आमेन।**
